विवेकानंद जी के बारे मे रोचक तथ्य/amezan facts about vivekananda ji/ #amezingfacts/#vivekanand ji ka jivan parichay

मेरे प्रिय मित्रों जैसा की आप लोग जानते हैं कि विवेकानंद जी एक सच्चे देशभक्त और महापुरुष थे। आज मैं  आपको स्वामी विवेकानंद जी से जुड़े  कुछ अनोखे तथ्यो के बारे में बताने जा रहा हूँ।
           

1. स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था.उस समय भारत पर ब्रिटिशो का राज था और कलकत्ता उस समय भारत की राजधानी थी।

2. स्वामी जी के बचपन का नाम नरेंद्र नाथ था।

3. उनके पिता विश्वनाथ दत्ता कलकत्ता हाई कोर्ट में काम करते थे और उनकी माता गृहिणी थी।

4. विवेकानंद एक साधारण बालक थे लेकिन उन्हें पढने में काफी रूचि थी।इसी बजह से यह अपनी क्लास में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होते थे।

5. स्वामी जी की वेद, उपनिषद, भगवत गीता, रामायण, महाभारत और पुराण में काफी रूचि थी।

6. नरेन्द्रनाथ इश्वर चन्द्र विद्यासागर इंस्टिट्यूट में पढ़ते थे। बाद में उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज से एंट्रेंस की परीक्षा पास की। उन्होंने स्कॉटिश चर्च कॉलेज से पश्चिमी इतिहास और पश्चिमी दर्शनशास्त्र का भी अभ्यास कर रखा था। 1884 में उन्होंने अपनी बैचलर की डिग्री पूरी की।

7. बचपन में जब भी स्वामी जी क्रोधित होते तो उनकी माँ भुवनेश्वरी देवी उनके ऊपर ठंडा पानी डालती और कहती ॐ नमः शिवाय का जाप करो…और ऐसा करने से वे शांत हो जाते.

8.उन्होंने बहोत सी किताबे लिखी है – कर्म योग (1896), राज योग (1896), वेदांत शास्त्र (1896), कोलम्बो से अल्मोरा तक के भाषण (1897), भक्ति योग इत्यादि।


9.पिता की मृत्यु के बाद उनके परिवार पर घोर गरीबी आ गयी. कई बार स्वामी जी घर में झूठ बोल देते थे कि उन्हें कहीं खाने पर invite किया गया है, ताकि बाकी लोगों को ठीक से खाना मिल सके.

10. स्वामी विवेकानंद चाय के शौक़ीन थे उस समय की मान्यताओं के विरुद्ध उन्होंने अपने मठ में चाय पीना allow कर रखा था.एक बार उन्होंने बाल गंगाधर तिलक से सभी के लिए मुगलई चाय बनवाई थी.

11. स्वामी जी अपनी माँ से बहुत प्रेम करते थे और जीवनपर्यंत उनकी पूजा करते रहे।स्वामी जी अपनी जन्म
भूमि से भी अत्यधिक प्रेम करते थे।

12. तमाम चीजों के साथ-साथ उन्हें उनकी oratory skills के लिए जाना जाता है, खासतौर से उन्होंने जो शिकागो में अंग्रेजी भाषण दिया था वह आज भी मशहूर है.

13. स्वामी जी देखने में बहुत आकर्षक थे इसलिए कई महिलाएं गलत नियत के साथ उनसे मित्रता करने की इच्छुक रहती थीं पर वे कभी इसके लिए तैयार नहीं हुए. एक बार उन्होंने एक महिला से कहा था-

इन बेकार की इच्छाओं को छोडो और भगवान का ध्यान करो

14. स्वामी विवेकानंद जी की भगवान अटूट श्रद्धा थी।

15. स्वमी जी जब नरेन्द्र से सन्यासी बने तो पहले उनका नाम स्वामी विविदिशानंद था पर शिकागो जाने से पहले उन्होंने अपना नाम विवेकानंद कर लिया.

16. स्वामी जी के मठ में कोई भी महिला प्रवेश नहीं कर सकती थी, यहाँ तक कि उनकी माताजी भी नहीं. एक बार जब एक शिष्य उनकी माताजी को आदरपूर्वक अन्दर ले आया तो स्वामी जी बहुत क्रोधित हो गए थे और कहा था- ” मैंने नियम बनाया और अब मेरे लिए ही ये नियम तोडा जा रहा है.”

17. बाद में विवेकानंद ब्रह्म समाज के सदस्य बने और भगवान् को पाने के रास्ते ढूंडने लगे।

18. 1888 में विवेकानंद ने भारत भ्रमण शुरू किया। 5 सालो तक वे पुरे भारत में घूमते रहे और भारत में अलग-अलग तरह के लोगो के साथ रहे।

19. जुलाई 1893 में विवेकनन्द शिकागो गये। उस समय वहा विश्व सर्व धर्म सम्मलेन का आयोजन किया गया था। लेकिन किसी वजह से उन्हें पहले बोलने का अवसर नही दिया गया। लेकिन बाद में कुछ समय बाद प्रोफेसर जॉन हेनरी की सहायता से उन्हें बोलने का मौका मिल ही गया।

20. 11 सितम्बर 1893 को विश्व धर्म सम्मलेन में उन्होंने हिंदुत्वता पर अपना पहला भाषण दिया। उन्होंने अपने भाषण की शुरुवात “सिस्टर एंड ब्रदर्स ऑफ़ अमेरिका” से की। ये सुनते ही वहा उपस्थित सभी लोगो ने उनके लिये खड़े होकर जोरो से तालिया बजायी। उस समय लगभग वह 7 हज़ार लोग एकत्रित हुए थे।

21. शिकागो के भाषण के बाद, उन्होंने विश्व भर में काफी भाषण दिए और बहोत से लोगो से मिले। जैसे की भगिनी निवेदिता, मैक्स मुलर, पॉल ड्यूसेन इत्यादि।

22. 1897 में वे भारत वापिस आये। भारत में भी उन्होंने काफी भाषण दिए। वे सामाजिक मुद्दों पर भी भाषण दिया करते थे। उस समय उनके भाषणों का महात्मा गांधी, सुभास चन्द्र बोस जैसे नेताओ पर काफी प्रभाव पड़ा था।

23. 1 मई 1897 को उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।

24. 1899 में ख़राब हालत होते हुए भी उन्होंने दक्षिण की यात्रा की। अपनी इस यात्रा में उन्होंने सेन फ्रांसिस्को और न्यू यॉर्क में वेदांत सोसाइटी की स्थापना की और कैलिफ़ोर्निया में शांति आश्रम की स्थापना की।

25. 4 जुलाई 1902 को 39 साल की आयु में बेलूर मठ में ही स्वामी विवेकानंद की मृत्यु हो गयी। उनके जन्मदिन को भारत में राष्ट्रिय युवा दिन के रूप में मनाया जाता है।

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