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Showing posts from November, 2019

विवेकानंद जी के बारे मे रोचक तथ्य/amezan facts about vivekananda ji/ #amezingfacts/#vivekanand ji ka jivan parichay

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मेरे प्रिय मित्रों जैसा की आप लोग जानते हैं कि विवेकानंद जी एक सच्चे देशभक्त और महापुरुष थे। आज मैं  आपको स्वामी विवेकानंद जी से जुड़े  कुछ अनोखे तथ्यो के बारे में बताने जा रहा हूँ।             1. स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था. उस समय भारत पर ब्रिटिशो का राज था और कलकत्ता उस समय भारत की राजधानी थी। 2. स्वामी जी के बचपन का नाम नरेंद्र नाथ था। 3. उनके पिता विश्वनाथ दत्ता कलकत्ता हाई कोर्ट में काम करते थे और उनकी माता गृहिणी थी। 4. विवेकानंद एक साधारण बालक थे लेकिन उन्हें पढने में काफी रूचि थी।इसी बजह से यह अपनी क्लास में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होते थे। 5. स्वामी जी की वेद, उपनिषद, भगवत गीता, रामायण, महाभारत और पुराण में काफी रूचि थी। 6. नरेन्द्रनाथ इश्वर चन्द्र विद्यासागर इंस्टिट्यूट में पढ़ते थे। बाद में उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज से एंट्रेंस की परीक्षा पास की। उन्होंने स्कॉटिश चर्च कॉलेज से पश्चिमी इतिहास और पश्चिमी दर्शनशास्त्र का भी अभ्यास कर रखा था। 1884 में उन्होंने अपनी बैचलर की डिग्री पूरी की। 7. बच...

सच्चे दोस्त को कैसे पहचानें/#how to identify a true friend.

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सच्चे मित्र की पहचान कैसे करें/How to identify   true friend आज के समय में एक अच्छा और सच्चा दोस्त मिलना उतना ही मुश्किल है जितना कि कूड़े के ढेर में खोई हुई सुई को खोजना।एक सच्चा मित्र उस औषधि की तरह है जो हर प्रकार के जहर को काट सकती है।वही दूसरी ओर एक बुरा और कपटी मित्र जहर के समान है ।आज मैं आपको कुछ ऐसी बातें बताऊंगा जो आपको आपका सच्चा मित्र ढूढ़ने में मदद करेगी। 1.पीठ पीछे बुरा कहने वाले और मुँह पर मीठी मीठी बातें करने वाले मित्रों से सदा दूर रहना चाहिये।ऐसे मित्रों से कभी लाभ नहीं होता। 2.सच्चे मित्र हमेशा आपकी किसी काम को करने में मदद करते हैं जबकि का एक कपटी मित्र आपका मजाक बनाएगा और उस काम को बिगाड़ने का प्रयास करेगा। 3.यदि कोई मित्र आपके पहनावे और आपकी कंडीशन का मजाक उड़ाता है तो यह समझने में बिलकुल देर न करे कि वही आपका सबसे बड़ा दुश्मन है। 4.एक सच्चा मित्र आपकी परेशानियो को दूर करने में मदद करता है जबकि एक बुरा और कपटी मित्र आपका मजाक उड़ाने में जरा भी चुकता है। 5.कपटी मित्र हमेशा दूसरे व्यक्तियों के सामने आपका मजाक  उड़ाते है और आपको नीचा दिखाने का...

Indian culture (angreji hi kyu?)

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                     Angreji hi kyo?                           24 August 1608 yah woh Din tha Jab Angrej Vyapar karne ke uddeshy se Bharat Aaye.Vyapar ke dauran angrejon Ne Dekha ki Bhartiya Logon mein aapsi matbhed hai aur isi matbhed ko dekh kar angrejon Ne Bharat per shasan ki Disha Mein sochana prarambh Kar Diya. 1757 me plasi Ki Ladai Mein East India Company ne Bangal ke Nawab sirajuddaula ko parajit kar kar Bharat ko Apna Gulam banaa liya aur Bhartiya Logon per Anek Atyachar karna Shuru kar diya. San 1947 yah vah Daur tha Jab Hamare Mahan Krantikari bhaiyon ne anekon Atyachar Saheker aur kathin Sangharsh ke bad Hame is gulami se Azadi dilai.Angrej to hamare Desh se chale gaye aur Hamen Azadi bhi Mil Gai lekin kya yah poord Azadi thi Nahin? Ham sharirik Roop se to Azad Ho Gaye  Lekin  mansik Roop se nahin Angrej To Chale Gaye lekin apni angreji...